अक्सर टूट जाते है, देखे जो सपने
सबसे ज्यादा जख्म हमें देते हैं अपने
दो मीठे बोल प्यार के, वो हमसे ना बोल सके
हिसाब था पूरा, दिल को ना तोल सके
सारा जहाँ छोड़ के चाहा जो उन्हें था
संग, वक़्त प्यार का,पाया उन्हें ना था
आग सीने में, आंसू आँख में
रूह सिमट गयी, मिल गए खाक में
हमसे कहा गया, बस तुम चुप रहो
वो तो अपनी बात सरेआम कह गए
ना कोई दर्द हो, ना मन में कभी ख़ुशी,
कर्तव्यपरायणता में, हम बुत बन गए
वो उम्मीद फूल की करते रहे मगर,
खुद हमारे दिल पे, कांटे चुभा गए
गलती कहा हुई, हमने क्या गलत किया
वो आदर्श ना बन सके, पर हमें पाठ पढ़ा गए
लब सिला दिए, आंसू सुखा दिए
अपने को मार कर, हम ना गिला किये
चलो अच्छा हुआ, नासूर हमें दिया
घायल ही सही, शायर बना गए..
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